उधवा। प्रखंड के पूर्वी उधवा पंचायत अंतर्गत कचहरी घाट परिसर में आयोजित सात दिवसीय श्रीराम कथा शुक्रवार देर रात भक्तिमय माहौल में संपन्न हो गई। कथा के अंतिम दिन प्रभु श्रीराम की लीलाओं के श्रवण के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे पूरा क्षेत्र राममय हो उठा।कथा के समापन अवसर पर सुप्रसिद्ध कथावाचक सुभाष शास्त्री जी महाराज ने रामचरितमानस के माध्यम से धर्म, सत्य और सदाचार का संदेश देते हुए कहा कि संसार में चाहे बुराई कितनी ही ताकतवर क्यों न हो जाए, उसका अंत निश्चित है और अंततः विजय सदैव अच्छाई और सच्चाई की ही होती है। उन्होंने कहा कि पाप का घड़ा एक दिन अवश्य भरता है और पाप करने वाले का अंत दुखद होता है।कथावाचक ने प्रभु श्रीराम के आदर्श शासन का उल्लेख करते हुए कहा कि रावण वध के पश्चात जब भगवान राम अयोध्या लौटे तो विधि-विधान से उनका राज्याभिषेक हुआ। रामराज्य में प्रजा का सुख, सुरक्षा और न्याय सर्वोपरि था। उनके शासनकाल में किसी के साथ अन्याय नहीं हुआ और न्याय की आशा लेकर आने वाला प्रत्येक व्यक्ति संतुष्ट होकर लौटता था। दोषी को दंड और निर्दोष को सम्मान देना रामराज्य की पहचान थी, इसी कारण आज भी लोग रामराज्य की कल्पना करते हैं।उन्होंने कहा कि मानव जीवन को सही दिशा देने का सबसे सरल मार्ग प्रभु श्रीराम के नाम का स्मरण है। राम नाम का जप व्यक्ति को सन्मार्ग की ओर ले जाता है। साथ ही उन्होंने श्रद्धालुओं से प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करने की अपील करते हुए कहा कि हनुमान जी से सेवा, समर्पण और निस्वार्थ भाव सीखना चाहिए।कथा के समापन पर श्रीराम कथा समिति के सदस्यों ने कथावाचक सुभाष शास्त्री जी महाराज को अंगवस्त्र एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष संजीव कुमार यादव, सचिव ओमप्रकाश आर्य, कोषाध्यक्ष प्रदीप साहा, उपाध्यक्ष हब्बू चौधरी, सुनील प्रमाणिक, हरिशंकर साहा, परिमल साहा, सुकुमार चौधरी, असीत दास, प्रकाश शर्मा, शंभू प्रमाणिक, सुभाष दास, रतन दत्ता, संजय गुप्ता, भौयन चौधरी, धनंजय मंडल, चंदन सरकार सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु एवं समिति के सदस्य उपस्थित थे।




