साहिबगंज: शहर में आवारा जानवरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। सांड हो या कुत्ता, इनकी बढ़ती संख्या ने आम लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। सिर्फ पिछले छह माह में साहिबगंज शहरी क्षेत्र में कुत्ता काटने के सर्वाधिक मामले सामने आए हैं। वहीं, सांड के हमलों में दर्जनों लोग घायल हो चुके हैं और कुछ की जान भी जा चुकी है।

हाल के प्रमुख मामले
जिरवाबाड़ी: 25 अगस्त को अर्जुन नगर निवासी नारायण गुप्ता को पड़ोसी के कुत्ते ने बुरी तरह काट लिया। मामला दर्ज कर पुलिस जांच कर रही है।
तालबन्ना: लगभग 7 माह पूर्व एलसी रोड पर सांड के हमले में राजेश उर्फ राजू केसरी गंभीर रूप से घायल हुए। दो माह तक कोमा में रहने के बाद उनकी मौत हो गई।
रसूलपुर दहला: सब्जी मंडी में तीन माह पूर्व 55 वर्षीय सरोजनी देवी पर सांड ने हमला किया। कमर की हड्डी टूटने के बाद वह आज तक बिस्तर पर हैं।
रिफ्यूजी कॉलोनी: हाल ही में एक पागल सांड ने आधा दर्जन लोगों को घायल किया। नगर परिषद की टीम ने उसे रेस्क्यू कर पकड़ा।
पूरे शहर में दहशत: कुछ समय पहले एक पागल कुत्ते ने एक दर्जन लोगों को काटकर घायल कर दिया था, जिनमें कुछ वकील भी शामिल थे। अधिवक्ता संघ ने प्रशासन को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की थी।
‘अलगरा’ की व्यवस्था खत्म
करीब दो दशक पूर्व नगर परिषद द्वारा पश्चिमी रेलवे फाटक के समीप आवारा पशुओं को रखने के लिए अलगरा संचालित किया जाता था। धीरे-धीरे यह व्यवस्था समाप्त हो गई। अब पशुओं के रखरखाव की कोई ठोस व्यवस्था नहीं होने से लोग लगातार परेशान हैं।
नगर परिषद की ओर से दी गई सफाई:
नगर परिषद के प्रशासक अभिषेक कुमार सिंह ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से परहेज किया। वहीं नगर प्रबंधक बृजेश कुमार ने कहा, कि शिकायत मिलने पर आवारा पशुओं को पकड़कर अन्यत्र भेजा जाता है। हाल ही में रिफ्यूजी कॉलोनी से एक पागल सांड को रेस्क्यू कर हटाया गया।