Sahibganj: झारखंड के साहिबगंज जिले से एक अद्भुत और चमत्कारी खबर सामने आई है… जहां खेत की खुदाई के दौरान प्राचीन काली मां के आकारनुमा प्रतिमा मिलने से पूरे इलाके में आस्था की लहर दौड़ गई है। बरहरवा प्रखंड के बेलडांगा कमालपुर गांव के पास एक खेत में, मिट्टी के नीचे से माँ काली जैसी प्रतिमा निकली है… जिसे देखकर ग्रामीणों की आंखें श्रद्धा से भर आईं।” और मूर्ति को देखने वाले की भीड़ उमड़ रही है।

ग्रामीणों के मुताबिक, मिट्टी की खुदाई के दौरान एक ठोस पत्थरनुमा चीज़ से टकराने की आवाज़ आई। जब उसे बाहर निकाला गया… तो मिट्टी में लिपटी एक आकृति सामने आई। कुछ देर की सफाई के बाद जो प्रतिमा दिखाई दी, वो माँ काली जैसी प्रतीत हुई — और वहीं से शुरू हुई श्रद्धा की सरगर्मी।”
“अब ये सिर्फ एक मूर्ति नहीं, बल्कि गांव वालों के लिए आस्था और चमत्कार का प्रतीक बन चुकी है। लोग इसे माँ चामुंडा का प्राचीन स्वरूप मान रहे हैं, और पूजा-अर्चना का सिलसिला भी शुरू हो गया है।”

इस मूर्ति को लेकर भूवैज्ञानिक सह भू विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ रणजीत कुमार सिंह ने जो जानकारी दी है, वो और भी चौंकाने वाली है।”
“डॉ. रणजीत सिंह के अनुसार, यह मूर्ति माँ चामुंडा की है — यानी देवी दुर्गा का एक उग्र रूप। उनका मानना है कि यह पाल वंश काल की मूर्ति हो सकती है, जो आज से करीब 1200 से 1300 साल पुरानी है… यानी 8वीं शताब्दी की एक ऐतिहासिक धरोहर।”
“फिलहाल यह मूर्ति ग्रामीणों के लिए आस्था का केंद्र बनी हुई है… लेकिन सवाल यह भी है कि क्या इसकी सुरक्षा और ऐतिहासिकता को लेकर प्रशासन कोई कदम उठाएगा? क्या पुरातत्व विभाग इसकी जाँच करेगा? यह देखना बाकी है।”
“जो भी हो… खेत की मिट्टी से निकली ये प्रतिमा अब सिर्फ एक पत्थर नहीं, बल्कि विश्वास, इतिहास और विरासत का प्रतीक बन गई है।”