साहेबगंज: झारखंड के साहेबगंज जिले से ताल्लुक रखने वाले प्रख्यात टेराकोटा कलाकार अमृत प्रकाश ने अपने हुनर से एक बार फिर जिले को राष्ट्रीय पटल पर गौरवान्वित किया है। उनकी बनाई गुरु-शिष्य परंपरा पर आधारित 8 फीट ऊंची कलाकृति को पटना स्थित सीबीएसई क्षेत्रीय कार्यालय, दिघा के नए भवन के फ्रंट कॉरिडोर में स्थापित किया गया है।यह कलाकृति भारतीय शिक्षा की मूल आत्मा – गुरु और शिष्य के पवित्र संबंध – को बेहद कलात्मक ढंग से मूर्त रूप देती है। मूर्ति में गुरु को छायादार वृक्ष के रूप में और शिष्य को उस वृक्ष की छाया के रूप में दर्शाया गया है। यह रूपक इस गहरे भाव को उकेरता है कि जिस प्रकार छाया पेड़ के बिना नहीं रह सकती, उसी प्रकार शिष्य भी गुरु के बिना अपने लक्ष्य की प्राप्ति नहीं कर सकता।

सीबीएसई के शैक्षणिक अधिकारियों ने अमृत प्रकाश की प्रतिभा को न सिर्फ पहचाना, बल्कि उन्हें यह विशिष्ट कलाकृति तैयार करने का अवसर भी प्रदान किया। इस कलाकृति का विधिवत उद्घाटन जल्द ही किया जाएगा। अधिकारियों का मानना है कि कला को न सिर्फ पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाना चाहिए, बल्कि उसका प्रदर्शन और संरक्षण भी उतना ही ज़रूरी है — जिससे यह सृजन के साथ-साथ आजीविका का भी माध्यम बन सके।

अमृत प्रकाश की यह उपलब्धि न केवल टेराकोटा कला को राष्ट्रीय पहचान देती है, बल्कि यह भी संदेश देती है कि कला, शिक्षा और संस्कृति का समन्वय भविष्य की दिशा तय कर सकता है।