रेलवे और केंद्र को खुली चेतावनी, विकास के मुद्दे पर किसी समझौते से इनकार
राजमहल माणिकचक गंगा पुल, आरओबी, ट्रेन सुविधाएं और मेडिकल कॉलेज को लेकर बड़ा आंदोलन तय
साहिबगंज। झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता पंकज मिश्रा ने साहिबगंज के विकास से जुड़े मुद्दों को लेकर रेलवे और केंद्र सरकार को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि 15 जनवरी तक साहिबगंज की लंबित मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो 16 जनवरी से साहिबगंज रेलखंड पर रेलवे रैक के माध्यम से होने वाली पत्थर ढुलाई को पूरी तरह से ठप कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन विकास के लिए है और इसमें किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। पंकज मिश्रा ने कहा कि साहिबगंज वर्षों से उपेक्षा का शिकार रहा है। स्थानीय जनता को केवल घोषणाओं के सहारे बहलाया गया, लेकिन धरातल पर विकास दिखाई नहीं देता। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्ष 2014 से लगातार यहां के जनप्रतिनिधियों ने लोगों को गुमराह किया है।

आरओबी और रेलवे परियोजनाओं को जानबूझकर रोका गया : मिश्रा
पंकज मिश्रा ने कहा कि वर्ष 2014 से 2019 के बीच पश्चिम रेलवे गेट पर अंडरपास निर्माण की घोषणा की गई, ताकि जाम की समस्या से लोगों को राहत मिल सके, लेकिन कोई काम शुरू नहीं हुआ। वर्ष 2019 के बाद बादशाह चौक से आरओबी निर्माण की बात कही गई, वह भी कागजों तक सीमित रह गई। उन्होंने कहा कि दिशा की बैठक में जब आरओबी से संबंधित ड्राइंग और दस्तावेज मांगे गए, तो कुछ भी उपलब्ध नहीं कराया गया।
उन्होंने बताया कि बाद में रेलवे को 10 दिनों के भीतर आरओबी निर्माण की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया गया। इसके आलोक में 24 सितंबर 2025 को जिला प्रशासन ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पूर्ण होने का पत्र रेलवे को दिया और 20 नवंबर 2025 को राज्य सरकार ने आरओबी निर्माण के लिए एनओसी निर्गत कर दी। इसके बावजूद स्थानीय पूर्व भाजपा विधायक द्वारा रांची स्थित एजी कार्यालय और रेल मंत्रालय को पत्र लिखकर टेंडर प्रक्रिया रुकवाने का आरोप लगाया गया।

ट्रेन सुविधाएं, गंगा पुल और मेडिकल कॉलेज को लेकर रखी गई स्पष्ट मांगें
पंकज मिश्रा ने कहा कि मालदा रेलवे डिवीजन के डीआरएम के साथ जिला प्रशासन की मौजूदगी में हुई बैठक में साहिबगंज के पूर्वी और पश्चिमी रेलवे गेट पर आरओबी निर्माण, वनांचल एक्सप्रेस में एसी-1 सुविधा, साहिबगंज–हावड़ा इंटरसिटी में एसी चेयर कार, दिल्ली के लिए ट्रेनों की संख्या बढ़ाने, मुंबई, सूरत और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों के लिए सीधी ट्रेन सेवा तथा भागलपुर से चलने वाली कई ट्रेनों का साहिबगंज तक विस्तार जैसी मांगें रखी गईं। उन्होंने कहा कि सात दिन बीत जाने के बावजूद रेलवे की ओर से किसी एक मांग पर भी सकारात्मक पहल नहीं हुई है।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि वर्ष 2026 तक राजमहल–मानिकचक गंगा पुल का निर्माण शुरू नहीं हुआ, तो साहिबगंज से अदानी पावर प्लांट (गोड्डा) को जाने वाला पानी, तथा पाकुड़ और ललमटिया से कोयले की ढुलाई को भी पूरी तरह से ठप कर दिया जाएगा।पंकज मिश्रा ने कहा कि वे रेलवे ट्रैक पर नहीं उतरेंगे, बल्कि पत्थर व्यवसायियों, चेंबर ऑफ कॉमर्स और शहरवासियों के सहयोग से आंदोलन किया जाएगा। इस संबंध में 23 दिसंबर को साहिबगंज में बैठक बुलाई गई है और पाकुड़ के व्यवसायियों के साथ भी जल्द संवाद किया जाएगा।

उन्होंने भरोसा जताया कि वर्ष 2026 साहिबगंज के लिए निर्णायक साबित होगा। 5 जनवरी को सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी साहिबगंज पहुंचकर मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन चिन्हित करेंगे। इसके साथ ही मरीन ड्राइव, हवाई अड्डा निर्माण और रेल कनेक्टिविटी के विस्तार की प्रक्रिया भी आगे बढ़ेगी।
पंकज मिश्रा ने सभी राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों से अपील की कि वे दलगत भावना से ऊपर उठकर साहिबगंज के विकास के लिए एकजुट हों। उन्होंने कहा कि चाहे उन्हें किसी भी प्रकार की कार्रवाई का सामना करना पड़े, वे साहिबगंज के विकास की आवाज उठाने से पीछे नहीं हटेंगे।
इस मौके पर अरुण सिंह, संजीव सामू, राजाराम मरांडी सहित झारखंड मुक्ति मोर्चा के कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।




