साहिबगंज: झारखंड का इकलौता जिला जहां गंगा उत्तरवाहिनी बहती है, अब बाढ़ के संकट से जूझने लगा है। गंगा नदी के जलस्तर में तेज़ी से हो रही बढ़ोतरी ने जिले के दर्जनों गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है। पिछले 48 घंटे में गंगा ने खतरे के निशान 27.25 मीटर को पार कर 27.50 मीटर तक पहुंच गई है, और 28 मीटर तक पहुंचने की चेतावनी जारी की गई है।
गंगा का यह रौद्र रूप एक ओर खेती-किसानी को तबाह कर रहा है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों के लिए जान-माल और मवेशियों की सुरक्षा भी बड़ी चुनौती बनती जा रही है।

दियारा क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित, फसलें चौपट, पशुपालकों का पलायन:
बाढ़ से जिले के रामपुर, बलवा, गोपालपुर, कारगिल, शोभापुर, प्राणपुर जैसे दियारा गांव बुरी तरह प्रभावित हैं। इन इलाकों के सैकड़ों किसानों की मक्का, धान, गन्ना और सब्जियों की फसल जलमग्न हो गई है। मवेशियों को चारे और आश्रय की भारी समस्या झेलनी पड़ रही है।

पशुपालक मजबूरी में पलायन कर रहे हैं। कई परिवारों ने गांव छोड़कर ऊंचे सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी डेरा डाल लिया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस बार भी पिछले साल जैसे हालात बनते जा रहे हैं, जब बाढ़ ने छह प्रखंडों की ज़िंदगी को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया था।

प्रशासन की तैयारी पर सवाल, राहत शिविरों का अब तक अता-पता नहीं: ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ से निपटने को लेकर जहां प्रशासन की ओर से राहत शिविर, चारा, और दवा की व्यवस्था के निर्देश तो दिए गए हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इससे उलट है। प्रभावित क्षेत्रों में कोई राहत केंद्र या शिविर शुरू नहीं हुआ है। लोग खुद ही सुरक्षित स्थान की तलाश में निकल रहे हैं। बाढ़ पीड़ितों की मांग है कि प्रशासन जल्द से जल्द पशुओं के लिए चारा, पेयजल और अस्थायी शिविर की व्यवस्था करे ताकि उन्हें राहत मिल सके। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर अगले 24 घंटे में जलस्तर और बढ़ा, तो कई इलाकों में कटाव और विस्थापन की स्थिति बन सकती है। ऐसे में जरूरी है कि प्रशासन हरकत में आए और दियारा क्षेत्र को त्वरित राहत प्रदान करे।

जिले में बाढ़ की स्थिति को लेकर हम पूरी तरह सतर्क हैं” — उपायुक्त
उपायुक्त हेमंत सती ने संभावित बाढ़ को लेकर कहा है कि जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने बताया कि सभी प्रखंडों के बीडीओ और सीओ को क्षेत्रीय दौरे पर भेजा गया है, ताकि बाढ़ संभावित इलाकों पर नजर रखी जा सके और त्वरित कार्रवाई हो सके। उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की जा रही है। बाढ़ से निपटने को लेकर मोटर बोट खरीदी गई है, और आपदा मित्रों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है ताकि आपात स्थिति में उनका सहयोग लिया जा सके। उपायुक्त ने यह भी जानकारी दी कि राहत कार्यों के लिए फंड शीघ्र मिलने वाला है, जिससे ज़रूरतमंदों तक तत्काल मदद पहुंचाई जाएगी।
अंत में उन्होंने आमजनों से अपील की कि “गंगा में स्नान करते समय विशेष सतर्कता बरतें, बच्चों का विशेष ध्यान रखें और सुरक्षित घाटों पर ही स्नान करें।”