अवैध रूप से जमीन व पोखर अतिक्रमण मामले में दोषी पदाधिकारियों व अतिक्रमणकर्ताओं के खिलाफ होगी कारवाई: अपर समाहर्ता
जांच के दौरान पूर्व विधायक अकिल अख्तर समेत सात अतिक्रमणकर्ताओं के नाम आए सामने
साहिबगंज: साहिबगंज जिले में आए दिन अवैध रूप से सरकारी और गैर सरकारी जमीन पर कब्जा करने का मामला प्रकाश में आता है, अगर सही से जांच हो तो कई बड़े घोटाले सामने होंगे। कुछ इसी तरह का मामला सामने आया है। पाकुड़ विधानसभा के पूर्व विधायक अखिल अख्तर समेत कुल सात लोगों पर पोखर की जमीन का अवैध रूप से अतिक्रमण करने को लेकर मामला चलाया जाएगा। जांच के बाद जिले के अपर समाहर्ता गौतम भगत ने उपायुक्त हेमंत सती से इसकी अनुशंसा की है। साहिबगंज झारखंड का शायद अकेला जिला है, जहां जमीन का जिक्र बिना विवाद के हो ही नहीं सकता। यहां जमीन और विवाद में चोली दामन का संबंध रहा है। इसी क्रम में यह मामला सामने आया है।

अपर समाहर्ता ने जांच के दौरान किए खुलासे:
अपर समाहर्ता गौतम भगत ने बरहरवा अंचल अंतर्गत एक मामले की जांच करते हुए पाकुड़ के पूर्व विधायक अकिल अख्तर समेत कुल सात लोगों पर सरकारी जमीन का अतिक्रमण करने का मामला चलाने की अनुशंसा की है। जिन लोगों पर मामला चलाने की अनुशंसा की गई है, उनमें मोइनुद्दीन शेख, मो. शेताबुद्दीन शेख, मो. जाहिदुल हक, तहुल शेख, फासिफ कमर, अकिल अख्तर और शमीमा खातून शामिल है।

उपायुक्त ने दिए थे जांच के आदेश:
दरअसल, कुछ समय पूर्व उपायुक्त की जनता दरबार में बरहरवा अंचल में पोखर की जमीन का अतिक्रमण कर वहां कंस्ट्रक्शन कार्य करने की शिकायत कुछ लोगों के द्वारा की गई थी। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए उपायुक्त ने इसकी जांच का जिम्मा अपर समाहर्ता गौतम कुमार भगत को दी थी। अपर समाहर्ता ने बरहरवा अंचल अंतर्गत सिरासिन मौजा, थाना नंबर- 159 जमाबंदी नंबर -187, खेसरा नंबर 272 रखवा 17 बीघा, 13 कट्ठा 8 धुर जमीन के कागजातों की जांच के क्रम में पाया कि खतियान में उक्त जमीन पोखर के नाम से दर्ज है, जो अनावादी खाता का गैर मजरूआ जमीन है। जांच के क्रम में पाया गया कि उक्त जमीन में से आंशिक रूप से अलग-अलग वर्ष में दाखिल खारिज के माध्यम से 9 रैयतों के नाम से पंजी 2 में दर्ज किया गया है। कुछ रैयतों के मामले में दाखिल खारिज म्यूटेशन की संख्या भी पंजी 2 में दर्ज नहीं पाया गया। पंजी में उक्त खेसरा की जमीन का किस्म पोखर दर्ज है, जो वर्ष 1974 में हसीमुद्दीन शेख दिगर के नाम से पंजी 2 में संघारित है। पंजी में दाखिल खारिज का केस संख्या भी दर्ज नहीं है। उक्त सभी रैयतों ने हसीमुद्दीन शेख से ही निबंधन कराकर जमीन को प्राप्त किया है। जांच के क्रम में अपर समाहर्ता ने पाया कि उक्त पंजी 2 में दर्ज सभी रैयतों का खेसरा संख्या 272 के आंशिक रकवा पर अलग-अलग दखल है जो नियमानुसार गलत है। ऐसे में अपर समाहर्ता में जांच के बाद पंजी 2 में दर्ज उक्त सभी रैयतों पर अवैध रूप से पोखर की जमीन का अतिक्रमण करने का मामला चलाने एवं दाखिल खारिज के समय बरहरवा अंचल में स्थापित अंचलाधिकारी और अंचल निरीक्षक पर भी विधि सम्मत कार्रवाई करने की अनुशंसा की है।

सिर्फ बरहरवा क्षेत्र में चार पोखरों पर हुआ अवैध कब्जा:
जांच के क्रम में अपर समाहर्ता को अकेले बरहरवा अंचल में चार पोखरों का अवैध रूप से अतिक्रमण करने की जानकारी मिली है। बरहरवा अंचल में कुल 252 बीघा 15 कट्ठा 13 धुर सरकारी जमीन है, उन जमीनों पर भी अवैध रूप से अतिक्रमण होने की अंदेशा है, ऐसे में अपर समाहर्ता ने बरहरवा प्रखंड के अंचलाधिकारी को उक्त जमीन के साथ-साथ अन्य तीन पोखरों की हुई अवैध अतिक्रमण की जांच कर इसकी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।

क्या कहते हैं अपर समाहर्ता?
जिले का अपर समाहर्ता गौतम कुमार भगत ने कहा कि उपायुक्त के निर्देश पर उसने बरहरवा आंचल में पोखर की जमीन का अवैध रूप से अतिक्रमण करने के मामले की जांच की थी। वे जल्द ही जांच रिपोर्ट उपायुक्त को सौंपेंगे। इस मामले में दोषी पदाधिकारियों एवं अतिक्रमणकर्ताओं के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई करने के अनुशंसा की गई है।