राजधानी : दिल्ली शराब घोटाला से जुड़े सीबीआई मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने उन्हें 10-10 लाख रुपये के मुचलकों पर जमानत दी. सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को इस मामले में सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं करने का निर्देश दिया है. अरविंद केजरीवाल को जमानत दिलाने में वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलों ने बड़ा काम किया. आइये जानते हैं कि कैसे अरविंद केजरीवाल को जमानत मिल गई और कौन-कौन दलीलों ने उनकी राह को आसान बनाया.अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में रखी ये दलीलें एक व्यक्ति जो संवैधानिक पद पर है, उसके फरार होने का जोखिम नहीं होता है. अरविंद केजरीवाल के पक्ष में ट्रिपल टेस्ट की शर्तें हैं. इसके अलावा सबूतों के साथ छेड़छाड़ की संभावना नहीं है. ED मामले में 9 चार्जशीट और सीबीआई के मामले में 5 चार्जशीट दाखिल की गई हैं. जिस आधार पर सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था, वो जनवरी के थे, जबकि सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार 25 जून को किया था. सीबीआई के पास कोई सबूत नहीं है और उन्होंने एक बयान पर केजरीवाल को गिरफ्तार किया था. सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार करने के बाद कहा था कि वो जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और जवाब देने में टाल-मटोल कर रहे हैं.अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पीएमएलए के कड़े प्रावधान पर रिहाई के दो विस्तृत आदेश दिए हैं. तीसरा अग्रिम जमानत देता है. ये एक इंश्योरेंस गिरफ्तारी है.एफआईआर होने के बाद आठ महीने के बाद अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. पीएमएलए के तहत दोहरी शर्तो का प्रावधान है. कड़े नियमों के बाद भी हमारे पक्ष में दो फैसले हुए हैं.
AAP नेता संजय सिंह ने साधा बीजेपी पर निशाना
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अरविंद केजरीवाल को ज़मानत दिए जाने पर AAP नेता संजय सिंह ने कहा, “पहले दिन से ही हम लोग कह रहे थे कि ये पूरा मामला झूठ की बुनियाद पर खड़ा किया गया है है और इस झूठ को फैलाने में मोदी की सरकार जिम्मेदार है. लेकिन मनीष सिसोदिया की रिहाई, उसके बाद बाकि सारे लोगों की रिहाई और आज अरविंद केजरीवाल की रिहाई ने ये साबित कर दिया है कि बीजेपी के झूठ का पहाड़ ध्वस्त हो चुका है.”