मस्जिदों में अमन चैन व खुशहाली की मांगी गई दुआएं
बरहरवा/साहिबगंज: अलविदा जुमे की नमाज पूरे जिले में पूरी अकीदत के साथ अदा की गई। मस्जिदों में मुल्क में अमन चैन और खुशहाली की दुआ की गई। हर तरफ खुशनुमा माहौल नजर आया। बच्चे,बूढ़े,जवान सभी के चेहरे पर पाकीजगी की चमक दमक रही थी। पाक महीने रमज़न में महीने भर तक रोज़ा रखने वालों की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा।आखिर उन्हें रमज़ान के बाद ईद का नायाब तोहफा जो मिलने जा रहा था। ऐसे में हर अख्श पर रुहानी दमक साफ झलक रही थी। मस्जिदों में शुक्रवार को पूरी अकीदत और एहतेराम के साथ अलविदा जुमा की नमाज अदा करने के बाद इमाम ने खुत्बा और तकरीर में अलविदा जुमा की अहमियत समझाई। ईद को रमजान का तोहफा बताया। साथ ही बताया क्या होती है अलविदा की नमाज़। कहा अलविदा से तात्पर्य है किसी चीज के रुखसत होने का यानी रमजान हमसे रुखसत हो रहा है। इसलिए इस मौके पर जुमे में अल्लाह से खास दुआ की जाती है कि आने वाला रमजान हम सब को नसीब हो। रमजान की बरकतें व रहमतें हर महीनों से ज्यादा होती हैं। वैसे तो इस्लाम में हर नमाज और हर जुमे की अहमियत है, लेकिन रमजान का आखिरी जुमा खास ही होता है। इस पाक महीने के 30 दिन खत्म होने के बाद ईद उल फितर का त्योहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
चारो तरफ दिखी रौनक:
अलविदा जुमा को लेकर शुक्रवार को सुबह से ही चारों तरफ रौनक दिखी। नमाज अदा करने के लिए नमाज़ियों का हुजूम सज-धज कर वक्त से पहले ही निकल चुका था।लक-दक कुर्ता-पायजामा,सिर पर सफेद टोपी, नमाज का वक्त होने को आया तो मस्जिदों के इर्द-गिर्द तिल रखने को जगह नहीं बची थी। मस्जिदों से लेकर सीढि़यों,छतों पर लोगों ने नमाज अदा की।तल्ख धूप के मद्देनजर मस्जिदों के आस पास खास इंतजाम किए गए थे। कई जगह शामियाना लगा नजर आया।